आने वाली तिमाही में सर्विस सेक्टर में 50%, विनिर्माण में 43%, फाइनेंस, बीमा और रियल एस्टेट में 42% बढ़ोतरी के साथ रोजगार में मजबूत सुधार की उम्मीद है.
पहली तिमाही में दूसरी नौकरियां मिलने की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है. इस दौरान दूसरी जॉब/मौजूदा पेरोल के लिए 11.8 लाख नौकरियां पैदा हुईं हैं.
अप्रैल-जुलाई की अवधि में टैक्स कलेक्शन फाइनेंशियल ईयर 2020 की पहली तिमाही में 3.39 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 5.29 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली 5 तिमाहियों में लगातार ग्रोथ के साथ वेतन-भत्तो में कंपनियों का खर्च बढ़ा है, इससे हायरिंग बढ़ने के संकेत मिलते हैं.
नौकरियों की बहारः ये भर्तियां मुख्य रूप से ई-कॉमर्स, फूड-टेक, लॉजिस्टिक्स और रिटेल सेगमेंट की कंपनियों द्वारा की जाएंगी.
आंकड़ों के मुताबिक, जॉब देने वालों राज्यों में महाराष्ट्र नंबर वन रहा है. इसके बाद तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक का नंबर आता है.
बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल राज्यों में मधुमक्खी पालकों/ शहद उत्पादकों के 5 एफपीओ बनाए गए हैं.
अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच EPFO के नए मेंबर्स और सब्सक्रिप्शन रोकने वाले सदस्यों की संख्या के बीच का अंतर 12.34 लाख रहा है.
अमरीका के लेबर डिपार्टमेंट ने गुरुवार को कहा है कि बेरोजगारी दावों में इससे पिछले हफ्ते के मुकाबले 37,000 का इजाफा हुआ है.
केयर इकनॉमी में बड़े मौके हैं और सही पॉलिसी से एक ईकोसिस्टम तैयार करने में मदद मिलेगी जो अर्थव्यवस्था को मुश्किल दौर से निकाल सकता है.